Saturday, March 12, 2011

छिपकली के गिरने पर नहाना, पूजा करना और दान करना : तार्किक और वैज्ञानिक कारण

ये एक बहुत ही पुरानी मान्यता है की अगर आपके ऊपर घर में रहने वाली छिपकली गिर जाये तो आप के ऊपर पाप लगता है और इस पाप का निवारण करने के लिए आप को नहा कर पूजा करना चाहिये और दान करना चाहिए.

इस मान्यता को मै अंधविश्वास तो कभी नहीं समझता था क्यूंकि मेरे दादा जी मेरी मान्यता पहले ही बदल  चुके थे लेकिन इस मान्यता के पीछे मौजूद कोई भी तार्किक या वैज्ञानिक कारण मै समझ नहीं पा रहा था लेकिन मेरी ये समस्या मेरी १२वि कक्षा में दूर हो गई.

शिक्षक सभी को Phyium Chordata, Class reptilia पढ़ा रहे थे और पढाते समय उन्होंने बताया की इस वर्ग के कुछ जानवर ऐसे होते हैं जो की शरीर में बने जहर (uric acid) को उनकी चमड़ी पर जमा कर लेते हैं और यही कारण है वो सुरक्षित रहते हैं. ऐसे ही जानवरों में एक है घर में रहने वाली छिपकली

इतना सुनते ही मै लगभग उछल पड़ा और जोर से बोला इस लिए छिपकली गिरने पर नहाना पड़ता है. बाद में मैंने पूरी बात बहा बताई तो शिक्षक भी इस बात से काफी खुश हुए.

छिपकली ऐसा जानवर है जिसके शरीर में जहर तो बनता ही रहता है लेकिन वो अपने जहर को कभी भी व्यर्थ फैंकने के बजाय अपनी चमड़ी पर एकत्रित करती जाती है और जब ये छिपकली किसी और के शरीर पर गिरती है तो अपनी चमड़ी का जहर उस स्थान पर भी छोड देती है और यही जहर कई बार बाद में फ़ैल कर या रोम छिद्रों से अंदर जा कर एक बड़ा घाव बना देता है. इस जहर को साफ करने के लिए सीधा सा तरीका है उस जगह को साफ कर लेना.

इसमें एक बात ये कही जा सकती है की पानी से कोई जहर को कैसे साफ कर सकता है लेकिन बात ये है की पहले पानी में नीम की पत्तियाँ मिला करा नहाया जाता था और नीम में कई औषधीय गुण होने के साथ साथ कीटाणु नाषक का गुण भी होता है इस लिए नहाने की सलाह दी जाती थी

अगला सवाल ये हो सकता है की नहाना तो ठीक है लेकिन पूजा किसलिए तो उसका जवाब ये है की पूजा में प्रषाद और चरणाम्रत में एक मूल अव्यय होता है तुलसी की पत्तियों का जो की एक औषधीय गुणों से परिपूर्ण जड़ी बूटी भी है इस लिए पूजा पर भी जोर दिया जाता है

तीसरा सवाल दान के लिए क्यों कहा जाता है तो उसका कोई तार्किक या वैज्ञानिक कारण मै नहीं दे सकता लेकिन भारतीय संस्कृति में ये माना जाता रहा है की जब भी आपके ऊपर कोई विपत्ति आये तो दान देने से वो विप्पत्ति दूर होती है. इस बात के पीछे दो कारण काम करते हैं. पहला ये की दान उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसे जरूरत हो ताकि एक जरूरतमंद व्यक्ति की जरूरत पूरी हो और दूसरा ये की वो जरूरत मंद व्यक्ति दान देने वाले के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करेगा.

उम्मीद करता हूँ की ये जानकारी आपके लिए फायदेमंद रही होगी
धन्यवाद


6 comments:

  1. " chipakali ... her ghar me maujud .. aur nahana ,daan vagaira karana padta hai ye silsila tha magar aapki post padhker ab lagata hai ki ye sirf aur sirf ek vahem tha ...nice post ..ek jankari bhari post "

    ---- eksacchai { AAWAZ }

    http://eksacchai.blogpost.com

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  2. धन्यवाद सच्ची जी लेकिन ये पूरा कार्य वहां या व्यर्थ नहीं होता है इसमें सिर्फ दान वाली बात को आप छोड़ दे तो बाकी की सारी बाते आज भी करना चाहिए इस लिए नहीं की किसी ने कहा है बल्कि इस लिए की कोई भी संभव चमड़ी की समस्या होने ही ना पाए

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  3. " bilkul , nahana aur ouja sahi hai magar aapne jo kaha ki daan usi ko dena chahiye ye jise jaroorat ho ..ye baat dil me utar di .. mast post"

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  4. yar really sacha tarika hai....mujhe bhi ab samajh mai aya chipkali ka natak.......nice....


    cute wallpapers

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  5. Thanx....frd......sahi baat batai....

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  6. Thanx....frd......sahi baat batai....

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